Is Baras Holika Jalayen
होलिका दहन हुई के काठ-पात जल गये
जल गये बुरे करम कहानियों के, टल गये
इक तरफ उठे धुएँ में लम्हे कुछ पिघल गये
भले-बुरे की सीख की कथाओं में बहल गये
इस बरस कथा नही, खरे कथन सुनाइए
धुएँ-धुएँ से हो रहे विचार को बचाईए
भेस बस नही, के देस भी नया रचाईए
पावन करे विचार, होलिका वही जलाइए
- अभिजीत देवगीरिकर
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